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बुधवार, 10 फ़रवरी 2010

मुझे खत लिखना

मुझे खत लिखना

भूल जाओ अगर कोई बात
मुझे खत लिखना ।
याद रखना हो मुलाकात
मुझे खत लिखना ।

एक दिन आयेगा सैलाव
या संमुदर से ऊफान
खाली रह जायेगी कश्ती
और किनारे से मुकाम

तुम उठाओ अगर कोई पात
मुझे खत लिखना ।

भूल जाओ अगर कोई बात
मुझे खत लिखना ।

कमलेश कुमार दीवान
१७ मार्च २००९