श्याम मोरे (प्रार्थना भजन)
श्याम मोरे ,श्याम मोरे ,श्याम मोरे
फिर तुझे आना पड़ेगा
फिर तुझे आना पड़ेगा ।
आज फिर मीरा को
विष देकर ,सुधारा जा रहा है
द्रोपदी के चीर से ,
पर्वत बनाया जा रहा है ।
सूर,उद्वव,नँद-जसुमति
देवकी बसुदेव सब है
पर बहुत है कंस,
फिर कारां बनायाँ जा रहा है ।
रूख्मणि -राधा अकेली
गोपियों की बँद बोली
ओ कन्हैया कालिया वध
के लिये आना पड़ेगा ।
श्याम मोरे,श्याम मोरे,श्याम मोरे
फिर तुझे आना पड़ेगा
फिर तुझे आना पड़ेगा।
कमलेश कुमार दीवान
21/09/1998