सावन आये रे
सावन आये रे....
बादल बिजुरी और हवायें
घिर आये घनघोर घटाएँ
घन बरसाएँ रे...
सावन आये रे....।
सरवन के कच्चे धागों से
बहना करे श्रृंगार भाई का
जग जाने भारत की रीति
मूल्य जाने बहना कलाई का
सब मन भाये रे.....
सावन आये रे ...।
कमलेश कुमार दीवान
24/08/2010
होशंगाबाद म.प्र.
I am writer,poet and retired principle higher secondary government school for more than 33 years. Published articles in news paper through Sarvodaya press service, Indore .Naiduniya Jansatta ,and others.my poems got published in Samkaleen Bhartiya Saahitya NewDelhi,Uttaraardh,Akshat,Kala-kalash etc.
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बुधवार, 25 अगस्त 2010
गुरुवार, 19 अगस्त 2010
सावन झूले पड़े भाई परदेश मे,
सावन झूले पड़े
सावन झूले पड़े
भाई परदेश मे,
कैसे जश्न मनाएँ
जायें देश मे।
माँ ने सोचा
पिता आयेगें
पर वो गये नौकरी ,
भुआ आयेगी
राखी लेकर
पर हो गई डोकरी ।
बूढा बूढी
बच्चा बच्ची
युवा किशोरी
सव ही नये परिवेश में
छौड़ गये सब तैश मे ,
कैसे जश्न मनाये
जायें देश मे ।
सावन झूले पड़े
भाई परदेश मे
कैसे जश्न मनाये
जाये देश मे ।
कमलेश कुमार दीवान
२अगस्त २००९
सावन झूले पड़े
भाई परदेश मे,
कैसे जश्न मनाएँ
जायें देश मे।
माँ ने सोचा
पिता आयेगें
पर वो गये नौकरी ,
भुआ आयेगी
राखी लेकर
पर हो गई डोकरी ।
बूढा बूढी
बच्चा बच्ची
युवा किशोरी
सव ही नये परिवेश में
छौड़ गये सब तैश मे ,
कैसे जश्न मनाये
जायें देश मे ।
सावन झूले पड़े
भाई परदेश मे
कैसे जश्न मनाये
जाये देश मे ।
कमलेश कुमार दीवान
२अगस्त २००९
रविवार, 15 अगस्त 2010
tiranga ke liye geet
तिरंगा गीत
हरी भरी धरती हो नीला आसमान रहे
फहराता तिरंगा चाँद तारों के समान रहे।
त्याग शूरवीरता महानता का मन्त्र है
मेरा यह देश एक अभिनव गणतन्त्र है।
शान्ति अमन चैन रहे खुशहाली छाए
बच्चों को बूढों को सबको हर्षाए
सबके चेहरों पर फैली मुसकान रहे।
लहराता तिरंगा चाँद तारों के समान रहे.
कमलेश कुमार दीवान
होशंगाबाद म.प्र.
हरी भरी धरती हो नीला आसमान रहे
फहराता तिरंगा चाँद तारों के समान रहे।
त्याग शूरवीरता महानता का मन्त्र है
मेरा यह देश एक अभिनव गणतन्त्र है।
शान्ति अमन चैन रहे खुशहाली छाए
बच्चों को बूढों को सबको हर्षाए
सबके चेहरों पर फैली मुसकान रहे।
लहराता तिरंगा चाँद तारों के समान रहे.
कमलेश कुमार दीवान
होशंगाबाद म.प्र.