Pages

पेज

Pages

Pages

शनिवार, 7 जनवरी 2023

इन हवाओं से

 इन हवाओं से नहीं बुझते  होंगे वे चिराग़

जिनको तूफ़ानों के संग साथ जलाया होगा

जिसने दरिया को धकेला है समुंदर की तरफ़

लौट कर वो ही फिर बादलों में समाया होगा

हर दराजों से झिरा, नदियों से ओझल भी हुआ

आसमां छू छू के पहाड़ों पे फिर छाया होगा

तेज थी धूप वारिश भी तो बार बार हुई 

हम तो निकले ही थे  तुमने बुलाया  होगा

अब फिजाओं से कोई पूछता ही कब है दीवान 

जिनके आने से कोई साथ  घर आया होगा 

कमलेश कुमार दीवान

17/12/20