कैसी बीत रही है
मै अचछा हूँ
आप बताये
कैसी बीत रही है ।
घर आँगन
सूना सूना है
खाली खाली दिन और रात ,
अपने है सब
रूठे रूठे
कही न कोई ऐसी बात,
मै बचता हूँ
आप बताये
कैसे जीत रही ।
क्या तुमने
माँ बाबा के बीच
सुलह करबाई है
बहन भाई के बीच
हुई क्यों
मार पिटाई है ,
क्या कक्षा में
डाँट पड़ी या
फिर मौसम की मार
क्या बस्तो के बोझ तले
हो रही पढाई है ।
मै अच्छा हूँ
आप बताये
कैसे सीख रहीं है
कैसे बीत रही है ।
कमलेश कुमार दीवान
१३ अगस्त २००९
कैसी बीत रही है? सभी अच्छी कहते हैं, लेकिन दिल से पूछो कैसी बीत रही है? बहुत ही सशक्त रचना, बधाई। वर्ड वेरिफिकेशन हटा दें।
जवाब देंहटाएंdahnyabad
हटाएंबहुत ख़ूब!
जवाब देंहटाएंबढ़िया कहा आपने कैसी बीत रही है ...सच्चे भावों को दर्शाती सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंthanks
हटाएंमै अचछा हूँ
जवाब देंहटाएंआप बताये
कैसी बीत रही है ।
घर आँगन
सूना सूना है
खाली खाली दिन और रात ,
अपने है सब
रूठे रूठे
कही न कोई ऐसी बात,
मै बचता हूँ
आप बताये
कैसे जीत रही ।
अच्छा गीत । सारे मित्रों के हालचाल लेता हुआ आज आपके ब्लाग में आया । अच्छा लगा।
shukriya
हटाएंसुन्दर!
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