सावन आएं रे
बादर बिजुरी और हवाएं
घिर आए घनघोर घटाएं
घन बरसाएं,मन भरमाएं रे
सावन आएं रे।
सरवन के कच्चे धागों से
बहना करे श्रृंगार भाई का
जग जाने भारत की संस्कृति
मूल्य जाने बहना कलाई का
मन हर्षाएं सब मन भाए रे
सावन आएं रे।
कमलेश कुमार दीवान
@kamleskumardiwan
24/8/2010