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सोमवार, 26 फ़रवरी 2024

तुमको क्या मालुम ....गजल ---कमलेश कुमार दीवान

 तुमको क्या मालुम

‌‌               *कमलेश कुमार दीवान
मां ने कितने कष्ट सहे हैं तुमको क्या मालुम
हम सब हष्ट-पुष्ट रहे हैं, तुमको क्या मालुम
खूब सताते थे सब बच्चे और था पूरा परिवार
जाने कितने  सुनें ठोंसरे, तुमको क्या मालुम
सासू की भी सासू मां और पिताजी दादा जी के
कदम कदम पर पाए ताने तुमको क्या मालुम
सुबह शाम आरती बंदन ,मिन्नत में बीते सब वर्ष
जाने क्या क्या करी दुआएं, तुमको क्या मालुम
बगिया के हम फूल महक मां के जीवन से है
सींच सींच आंसू पल पल से, तुमको क्या मालुम
बुरी नज़र में झाड़ फूंक से पाला पोषा है 'दीवान'
रोज सुलाने लोरी गाई गीत सुनाएं, तुमको क्या मालुम
कमलेश कुमार दीवान
4/1/24
ठोंसरे=तंज़ कटाक्ष