" ध्वज तिरंगा है"
*कमलेश कुमार दीवान*
हमारा मान आजादी ,जेहन में ध्वज तिरंगा है
हमारा देश भारत है,आज़ाद हर एक एक परिंदा है
वतन गणतंत्र,संविधान संसद ,और जनतंत्र जिंदा है
यहां सम्मान है मेरे वतन घर घर जेहन में ध्वज तिरंगा है
जो बर्बर थे वे खुद लुटे ,मिट गए कुछ तानाशाही में
बची है राजशाही तब वहां जन अधिकार देने से
यही एक देश है संस्कृति जहां की विविध रंगों की
अलग है खान पान, रहन सहन, पहनावा विविध ढंगों की
विविधताओं की यहां पहचान और इंसानियत भी है
अमन हो भाईचारे की मुक्कमल बानगी सी है
हमारा गान है जनतंत्र, यही अरमान सबका हो
तिरंगा एक हो,यह मंत्र, और अभियान सबका हो
बंटे क्यों जातियों में हम, रहे क्यों हाशियों में हम
यही संघर्ष, आजादी ही हम सबकी विरासत है
किसी की बांट की खातिर बंटे क्यों वादियों में हम
यहां गंगा है जमुना भी नर्मदा गोदावरी कृष्णा कावेरी
पूरव घाट पश्चिम श्रृंखला सतपुड़ा विंध्य और अरावली
उत्तर में हिमालय सी ऊंचाई ,पूरव पहाड़ी सात बहनों सी
कहानी भर नहीं है आजादी के लिए बलिदान देने की
हमारी शान भारतवर्ष, घर, जेहन में ध्वज तिरंगा है
यही सम्मान घर घर वतन और ज़ेहन में तिरंगा है
कमलेश कुमार दीवान
15/8/23