💐पतंग💐
*कमलेश कुमार दीवान*
कुछ खास है अरमां, जिन्हें लेकर उड़े पतंग
ख्वाहिश हवा के हाथ मे देकर उड़े पतंग
देखो उसे आकाश में पहुँची है बहुत दूर
बदला हवा ने रूख तो फिरकर उड़े पतंग
पहले तो संग साथ का त्यौहार था यही
इस दौर ए सियासत मे क्यों कर उड़े पतंग
ऊपर गई इतराई भी लहराई संग साथ
खुशियाँ बनी हैं सपने संजोकर उड़े पतंग
माँजा हैं बहुत तेज दांव पेंच हैं 'दीवान'
जाने दो ऊंची और जी भरकर उड़े पतंग
कमलेश कुमार दीवान
10/1/23