ख्यालों से चलों
कमलेश कुमार दीवान
तुम कहीं दूर बहुत,अपने ख्यालों से चलों
गम के सायों से चलों अपने सवालों से चलों
ये दुनिया भी एक ताबीज की मानिंद ही है
अपने जज्बात और आते उजालों से चलों
बहुत कुछ पाया है हमने भी इसी दुनिया से
अपनी फितरत है सहो पांव के छालों से चलों
मैं नहीं,वो नहीं ये कौन है जो थम सा गया
तुम चलो हम भी चलें उनके हवालों से चलों
दुनिया वाले भी ऐसे ही रोकते रहते 'दीवान '
उठाओ तेज कदम अपनी ही चालों से चलों
कमलेश कुमार दीवान
17/1/25