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सोमवार, 28 जुलाई 2025

फूल और बेटियां

फूल और बेटियां 

      कमलेश कुमार दीवान 

जब जब घर के गमले में गुलाब खिलते हैं 

बेटियां याद आती है 

जो पढ़ने गई है विदेश में नौकरी पर हैं देश में 

और जो ब्याह दी गई बहुत दूर 

ये फूल क्यों खिलते हैं घर के गमले में याद दिलाने 

बेटियों के संघर्ष जद्दोजहद आद्योपांत 

भीड़ भरी सड़कें,कोलाहल दफ्तर

छोटे छोटे कमरों वाली दड़बे नुमा हास्टल 

क्यों इन कांटों में ही खिल उठते हैं गुलाब 

जो याद दिला जाते हैं बेटियों की 

उनके संघर्ष अपने से कष्ट चुभते हैं कांटो की तरह 

बस खुशियां ही थोड़ी कम लगती है 

गुलाब तुम गमलों में मत खिलो ऐसे 

जिनमें बेटियां दिखे गुलाब सी 

बेटियां और फूल एक से ही हैं 

खिलते हैं तो खुशियां बिखेरते हैं 

और मुरझाते है तब........?

कमलेश कुमार दीवान 

26/7/25