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मंगलवार, 14 जनवरी 2014

पतंग उड़ाओ

मकर सक्रांति पर्व और उत्तरायण के सूर्य आपके जीवन पथ को आलोकित करे ।सुख समृध्दि और उन्नति के नवीन मार्ग प्रशस्त करे शुभकामनाये है ।मकर सक्राति के पर्व पर शुभकामनाओ सहित मेरा यह गीत सादर प्रस्तुत है जो आपके लिये है ..



 पतंग उड़ाओ

अपनी पतंग उड़ाओ
आसमान देखकर
तिल ताड़ मत बनाओ
आसमान देखकर
यूँ ही नहीं माजा से
कटती है  उंगलियाँ
अपनी पतंग लड़ाओ
भाव ताव देखकर ।

जब भी उड़ाओ दूर तक
दिखती रहे पतंग
हाथों मे नियंत्रंण हो
चरखा हो संग संग
थोड़ी सी ढील से ही
घूमेगी चारो ओर
फिर देखते   ही
युँ ही कट जायेगी पतंग ।
संग साथ गुनगुनाओ
आसमान देखकर
अपनी पतंग उड़ाओ
आसमान देखकर ।

कमलेश कुमार दीवान
14/01/14

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