क्या लिखें
क्या लिखें गीत
क्यों गायें ,
गुनगुनाये क्या
जो पास था वो
चला गया सारा ।
हम जब आजाद थे
गुलामी में
लड़ गये
बेहतरी के लिये
अब ये आजादी
कहाँ हैं यारो
कि मुखाफलत हो
असलियत के लिये
क्या लिखे जीत
क्यों मनाये ,
फहरायें क्या ?
जो पास था
छला गया सारा ।
क्या लिखे गीत
क्यों गाये
गुनगुनाये क्या
जो पास था
चला गया सारा ।
कमलेश कुमार दीवान
लेखक
18/02/2016
क्या लिखें गीत
क्यों गायें ,
गुनगुनाये क्या
जो पास था वो
चला गया सारा ।
हम जब आजाद थे
गुलामी में
लड़ गये
बेहतरी के लिये
अब ये आजादी
कहाँ हैं यारो
कि मुखाफलत हो
असलियत के लिये
क्या लिखे जीत
क्यों मनाये ,
फहरायें क्या ?
जो पास था
छला गया सारा ।
क्या लिखे गीत
क्यों गाये
गुनगुनाये क्या
जो पास था
चला गया सारा ।
कमलेश कुमार दीवान
लेखक
18/02/2016
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " अपना सुख उसने अपने भुजबल से ही पाया " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंक्यों मनाये ,
जवाब देंहटाएंफहरायें क्या ?
जो पास था
छला गया सारा.....प्रासंगिक रचना