Hari bhari dharti ho
neela aasman rahe
fahrata TIRANGA
chand taro kai saman rahe.
Tyag, soorveerta,mahanta ka mantra hai
Mera yah desh ek abhinav GANTANTRA hai
shanti-aman chain rahe khushhali chaye
bachoo ko boodo ko savko harsaye
sabke chaiharo par faili muskan rahe
laharata TIRANGA-------
kamleshkumardiwan
आप मेरे लिए श्रध्येय हैं, और निश्चित ही मुझे प्रसन्नता होगी यदि मैं आप की मदद कर सकूं,
जवाब देंहटाएंदीवान जी, P4Poetry.com पर कुछ लिखने के लिए पहले अपने आप को Register करना होगा इसके पश्चात आप का अपना खाता शुरू हो जाएगा और आप उस पर अपनी रचनाएं डाल सकते हैं। इसके लिए आप वेबसाईट के दाहिने भाग पर अपना एकाउंट शुरू करें।
मैं समय समय पर आप को इसी प्रकार आगे की प्रक्रिया से अवगत करता रहूँगा।
हो सकता है कि कभी कभी विलंब हो जाए, क्यों कि मैं एक Project के सिलसिले में बाहर हूँ और हर समय internet कि सुविधा उपलब्ध नही हो पाती, तो मेरा निवेदन है कि मेरे वापस आने तक थोड़ा धैर्य रखें.
गौरव