समाचार है
समाचार है
खेत जले है
खड़ी फसल वाले ।
पड़ी फसल वाले ।
बस्ती उजड़ी
और छिने है
मुँह के निबाले
खड़ी फसल वाले ।
नरवाई मे आग लगी
तो कई बहाने से
क्या मशीन का दोष
या कि फिर बीड़ी चूल्हे से
बिजली की चिंगारी से या
कोई करता घात
रहा नही विश्वास परस्पर
एक दूजे की बात ।
ओ किसान के पुत्र
समझ लो
पशुचारे का मोल
कोई नही तुम्हारे ये सब
साख रहे है तौल
इसी भूमि से
पशुओ के पेट पले है ।
समाचार है
खेत जले है ।
पड़ी फसल वाले
खड़ी फसल वाले ।
कमलेश कुमार दीवान
नोट..यह गीत भारत मे म.प्र के होशँगाबाद जिले मे
गेहूँ की खड़ी फसल जलने की घटनाओ पर है ।किसानो से अनुरोध है कि एकल फसल प्रणाली के अतिरिक्त मिश्रित फसल प्रणाली और
पशुपालन के लिये भी विचार करेँ
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