चाँद कहता रहा
चाँद कहता रहा रात भर रात से
यूँ ही चलता रहा हूँ बिना बात के
रात में ,रात भर, कई रात से
इन सितारों की नजरें
जमीं पर भी रही है
रात मे रात से रात भर ।
अभी भी बहुत बची है कहानी मेरी
मै चला था कहाँ से कहाँ आ गया
किसी बात से रात मे रात से ।
तुम सुनोगो नहीं पर कहा तो यही
मेरे जज्बात पर कह उठा है आसमां
तुम्हे कायनात पार करना है अभी
तुम चलो चलते ही रहो
रात मे रात भर रात से बिना बात के
चाँद कहता रहा अँधेरो से उजियार से
मै थका हूँ कहाँ
रात भर रात से बिना बात के
चाँद कहता रहा
रात भर रात से
कमलेश कूमार दीवान
5/2/17
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