💐बेटियों को याद कर💐
कमलेश कुमार दीवान
हम चले आए यहां बेटियों को याद करबहुत लहराए हवा में, बेटियों को याद कर
क्या करें इस देश में भी हो रहे परदेशी हम
कैसे बिसराए जहाँ में , बेटियों को याद कर
हमने ये पाया नया सब, पर पुराना भी वहां
ऐसे बतियाएँ वहां पर ,बेटियों को याद कर
अब हमारा जिन्दगी जीने का मकसद भी यही
हर समय उत्सव मनाएं ,बेटियों को याद कर
वो बहुत हैं दूर ,जाना भी कठिन उनके यहां
बात कर आँसू - बहाएँ ,बेटियों को याद कर
तुम कहाँ उलझे हुए हैं 'याद में ऐसे दीवान '
गीत लिख लें गुनगुनाएंँ , बेटियों को याद कर
कमलेश कुमार दीवान
31/1/22
Wonderful memory! 👏🏻
जवाब देंहटाएंWonderful memory! 👏🏻
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात मार्मिक रचना।
जवाब देंहटाएंवाह वाह, बहुत खूब
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