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मंगलवार, 11 जुलाई 2023

बाकी सब ठीक है

 "बाकी सब ठीक है"

                                *कमलेश कुमार दीवान 

मैं हमेशा गलती ही करता हूं

उनके साथ प्यार में  दुलार में स्नेह के संसार में 

सबके साथ व्यवहार में,स्वीकार में, इंकार में 

हमेशा गलती ही करता हूं बस ग़लती ही करता हूं 

और गलते जाता हूं हमेशा मैं ही 

बाकी सब ठीक है।

मैं तनाव से टूटता भी हूं,सपनों से रूठता भी हूं

संकल्प लेता हूं, शपथ खाता हूं

कि अब त्रुटियां न हो ,गलतियों से बचा रहूं

फिर फिर त्रुटियां, गलतियां करता ही हूं

अपनों के लिए ,जो अपने नहीं रहते

सपनों के लिए जो सपने हीं रहते हैं 

मनाने, महसूस करने और देखते रहे उन्हें,

जो कभी मेरे थे मुझसे ही थे 

गलतियां तो आदत हो गई है आज भी गलतियां करता हूं

गलतफहमियां पालता हूं ,चुकाता जाता हूं उनका मूल्य 

प्यार में, दुलार में, व्यवहार में दो

स्वीकार और इंकार के संसार में 

पैसों से, समय से और विचार से

गलतियां करता हूं गलतियों पर हूं

और गलत रहते हुए गलता जाता हूं

सोचता हूं गलत ही सही हूं

जीने के लिए गलतियां ही जरूरी है

बाकी सब ठीक ही है।

कमलेश कुमार दीवान (लेखक)

नर्मदा पुरम होशंगाबाद म.प्र.

29/11/22

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