सावन गीत ... अरजी है मेरी
सोन चिरई आई है
अमुआ की डार पर
सावन के झूले
कहीं और डारना ।
सोन चिरई आई है...
माई जा आँगन मे
याद तुम्हारे संग की
भैया की काका की
दादी कै जीवन की
आँऊ मे बार बार
बाते सुन ले मन की
घर की दिवारो मे
यादें है जन जन की
न हो तार तार
होले होले बुहारना
अरजी है मेरी यही
सावन के झूले
द्वार द्वार डालना
कमलेश कुमार दीवान
3/8/13
सोन चिरई आई है
अमुआ की डार पर
सावन के झूले
कहीं और डारना ।
सोन चिरई आई है...
माई जा आँगन मे
याद तुम्हारे संग की
भैया की काका की
दादी कै जीवन की
आँऊ मे बार बार
बाते सुन ले मन की
घर की दिवारो मे
यादें है जन जन की
न हो तार तार
होले होले बुहारना
अरजी है मेरी यही
सावन के झूले
द्वार द्वार डालना
कमलेश कुमार दीवान
3/8/13
Dil ko chooti huyi rachna ...
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