मै निवेदन के साथ यह गीत प्रस्तूत कर रहा हूँ मित्रो सदस्यौ से अनुरौध है कि वे पढ़े और खुले मन से प्रतिक्रिया देवे ।
17/03/2016
समय के साथ चलना
हम समय के साथ
चलना चाहते है
पर समय तो हो ।
निकल आये दूर
पथ विस्मृत हुये है
क्या करे अब सुझती
मंजिल नहीं है
भीड़ अट्टहास करती
गुम हुई सड़के पुरानी
शहर को जैसे बताती थी
दादी नानी की कहानी
बहुत बदला है
ठहरना चाहते है
पर समय तो हो।
कमलेश कुमार दीवान
30/7/2015
17/03/2016
समय के साथ चलना
हम समय के साथ
चलना चाहते है
पर समय तो हो ।
निकल आये दूर
पथ विस्मृत हुये है
क्या करे अब सुझती
मंजिल नहीं है
भीड़ अट्टहास करती
गुम हुई सड़के पुरानी
शहर को जैसे बताती थी
दादी नानी की कहानी
बहुत बदला है
ठहरना चाहते है
पर समय तो हो।
कमलेश कुमार दीवान
30/7/2015
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