इंसान ने किया -गजल
कमलेश कुमार दीवान
कुछ हवा ने किया कुछ तूफान ने किया
आंधी का काम भी यहां इंसान ने किया
बादल के फूट पड़ने से खिसके पहाड़ भी
बाकी बचा ही क्या सब आसमान ने किया
बहुतेरी सड़क बन गई जंगल के बीच से
रूठे हैं पेड़ पौधे ये क्या अनजान ने किया
कुछ तो कुसूर अपना कुछ जरूरतों का था
सब ढह गया है जो यहां नादान ने किया
क्या क्या गिनाए दुःख यहां घाटी पहाड़ के
'दीवान 'इस जहां में सब पहचान ने किया
'कमलेश कुमार दीवान'
26/8/25
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