यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 24 दिसंबर 2025

आवाज से तेरी

 बहुत दिनों के बाद बेटी की फोन पर आवाज सुनकर दिल को जो तसल्ली मिली वह इन शब्दों में बयां हुई है ....

आवाज से तेरी 

                 कमलेश कुमार दीवान 

कुछ तो सुकून मिलता है आवाज से तेरी 

खुश होता आसमान भी परवाज़ से तेरी 

कायनात सज गई है फिर यूं ही इस तरह 

महफ़िल सितारों की भी सुर साज़ से तेरी 

अपने लिए भी किसने यहां तान ये छेड़ी 

सरगम सुनाई देती हैं  साज़ बाज से तेरी 

तूने झुकाया आसमां धरती पे इस तरह 

मौसम है खुशगवार काम काज से तेरी 

यूं ही किसे आवाज दे रहे हो तुम 'दीवान '

सब और हैं खुशियां भी अरबाज से तेरी 

कमलेश कुमार दीवान 

13/12/25


अरबाज =शक्ति, स्वतंत्रता,ऊंची उड़ान के गुणों का प्रतीक 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें