बच्चो तुम्हे
बच्चो तुम्हे
आकाश की जरुरत थी
हम तुम्हे भगदड़ ,कोलाहल और
दे रहे है भीड़ भरी सड़के
सब कुछ बदल दिया है
विग्यान ने
क्रमबध्द ग्यान से हमारे आसपास
सन्नाटे गहरा गये है
ऐसे वियावान मै
हमारे साथ सिर्फ ईश्वर हो सकता है
आदमी नही ।
कमलेश कुमार दीवान
28.10.1999
बच्चो तुम्हे
आकाश की जरुरत थी
हम तुम्हे भगदड़ ,कोलाहल और
दे रहे है भीड़ भरी सड़के
सब कुछ बदल दिया है
विग्यान ने
क्रमबध्द ग्यान से हमारे आसपास
सन्नाटे गहरा गये है
ऐसे वियावान मै
हमारे साथ सिर्फ ईश्वर हो सकता है
आदमी नही ।
कमलेश कुमार दीवान
28.10.1999
बहुत सुन्दर ..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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