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मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025

रास्ते..... कमलेश कुमार दीवान

 रास्ते 

                     कमलेश कुमार दीवान 

ये रास्ते अच्छे लगे  पर सच्चे नहीं लगते 

क्षितिज से आसमां तक देखते जाओ 

धरा की आश है सब ओर  मिलता छोर 

पर ये सब ही स्वप्न है, सच्चे नहीं लगते । 

ये रास्ते......

किनारों से सटी रहकर सरकती जा रही नदियां 

किसी की कोख भरती और फिर खाली करती हैं 

यूं ही संघर्ष से नरसंहार में मरती जा रही सदियां 

किसे फिर याद होगा जी रहे हैं लोग मर मर कर 

किसी के वास्ते से वो सब ही हैं अच्छे लगे हैं 

पर ये सब कभी सच्चे नहीं लगते।

ये रास्ते.....

बुनियाद में कुछ झूठ हो थोड़ा फरेब भी 

फिर तमाशे भी वही निभने-निबाहने के 

वायदे हो कसम भी साथ आने के 

कभी इन वास्तों को देख लो अनुभव करो 

क्या ये वास्ते कच्चे बहुत कच्चे  नहीं होते ?

जो रास्ते सुखकर लगे वो रास्ते अच्छे नहीं होते 

ये रास्ते.......

कमलेश कुमार दीवान 

18/8/25

नर्मदा पुरम मध्यप्रदेश 

461001 



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